पेशे से नहीं !

तेरे हालात ये, तेरे हुनर को क़त्ल न कर दे !
शायद तू इसी ख़ौफ़  से शायर है, पेशे से नहीं !

फ़क़त  कुछ दाद से ही घर नहीं चलता गुलशन !
अच्छा है तू जो शौक से शायर है, पेशे से नहीं ! 

Comments

Popular posts from this blog

मेरे इश्क में रब है !

नही होतीं हमारे से

अब नारी की बारी है !