थी प्रीत जहा की रीत सदा
जब कुछ न किया मेरे भारत ने
भारत ने मेरे भारत ने
नापाक में तब ज़ुर्रत आई
समझोते की रट भारत ने, जब देखो तब दोहराई
देता न ये ढील जो भारत तो , यूँ ताज जलना मुश्किल था
घर में घुस कर उन वीरो के सर काट ले जाना मुश्किल था
सभ्यता यहाँ पहले आई अब भ्रष्टाचार का दौर चला
अब का भारत वो भारत है के जिसको रहे है चोर चला
चोर चला पुरज़ोर चला , चोर चला चारो और चला
भगवन के लिए रोको इन्हे, रोको नहीं तो ठोको इन्हे
ठोको नहीं तो रोको इन्हे, ठोको नहीं तो रोको इन्हे
थी प्रीत जहा की रीत सदा
अब उसके हाल बताता हु
में आज के भारत वाला हु अब के हालत बताता हु
हर छोटे मोटे नेता का अब स्विस बैंक में खाता है है है है
कुछ और न आता हो इनको इन्हे माल दबाना आता है !
जिसे जान चुकी सारी जनता हाँ जिसे मान चुकी सारी जनता
वो घोटाले दोहराता हूँ.
में आज के भारत वाला हु अब के हालत बताता हु
लुटे हो किसी ने देश तो क्या हमने अपनों को लूटा है है है है
रिश्वतखोरी बेमानी से, नहीं कोई महकमा छूटा है
भूखे मरते है लोग यहाँ जी भूखे मरते है लोग यहाँ
ये इनको याद दिलाता हु
में आज के भारत वाला हु अब के हालत बताता हु
इतनी जनता की नेता गर यहाँ १ रुपए भी खाते है है है है
एक एक का हक़ मारो बस १०० करोड़ हो जाते है
इस धरती पे कैसे जियूँगा हाँ इस धरती पे कैसे जियूँगा
ये सोच के में घबराता हु
में आज के भारत वाला हु अब के हालत बताता हु
भारत ने मेरे भारत ने
नापाक में तब ज़ुर्रत आई
समझोते की रट भारत ने, जब देखो तब दोहराई
देता न ये ढील जो भारत तो , यूँ ताज जलना मुश्किल था
घर में घुस कर उन वीरो के सर काट ले जाना मुश्किल था
सभ्यता यहाँ पहले आई अब भ्रष्टाचार का दौर चला
अब का भारत वो भारत है के जिसको रहे है चोर चला
चोर चला पुरज़ोर चला , चोर चला चारो और चला
भगवन के लिए रोको इन्हे, रोको नहीं तो ठोको इन्हे
ठोको नहीं तो रोको इन्हे, ठोको नहीं तो रोको इन्हे
थी प्रीत जहा की रीत सदा
अब उसके हाल बताता हु
में आज के भारत वाला हु अब के हालत बताता हु
हर छोटे मोटे नेता का अब स्विस बैंक में खाता है है है है
कुछ और न आता हो इनको इन्हे माल दबाना आता है !
जिसे जान चुकी सारी जनता हाँ जिसे मान चुकी सारी जनता
वो घोटाले दोहराता हूँ.
में आज के भारत वाला हु अब के हालत बताता हु
लुटे हो किसी ने देश तो क्या हमने अपनों को लूटा है है है है
रिश्वतखोरी बेमानी से, नहीं कोई महकमा छूटा है
भूखे मरते है लोग यहाँ जी भूखे मरते है लोग यहाँ
ये इनको याद दिलाता हु
में आज के भारत वाला हु अब के हालत बताता हु
इतनी जनता की नेता गर यहाँ १ रुपए भी खाते है है है है
एक एक का हक़ मारो बस १०० करोड़ हो जाते है
इस धरती पे कैसे जियूँगा हाँ इस धरती पे कैसे जियूँगा
ये सोच के में घबराता हु
में आज के भारत वाला हु अब के हालत बताता हु
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