बादल बनाते है

कुछ  नहीं  बस  बातो  से  हलचल  बनाते  है
जो  आज  बिगाड़े , वो  कहाँ  कल  बनाते  है 

 
लुटता है आम  आदमी, झूठी उम्मीद पर  
 
और ये  सियासी  लोग  है , पागल  बनाते  है 

 
   

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