चाहे कुछ भी हो करके दिखाना !
आये ना आये संग ये ज़माना
अपनी मंजिल को है खुद ही पाना
जो हम सोच लेंगे तो करके रहेंगे
चाहे कुछ भी हो करके दिखाना
माने ना माने चाहे यकीं कोई
अपनी कोशिश में हो ना कमी कोई
जहाँ सब से ऊपर हमीं हम रहे
अब बनायेंगे ऐसी ज़मी कोई
हम से सीखेगा अब ये ज़माना
कैसे है रास्तो को बनाना
जो हम सोच लेंगे तो करके रहेंगे
चाहे कुछ भी हो करके दिखाना
आँखों में जीत का हो नज़ारा
जहा रुक जाये वो है किनारा
हमें जब मुश्किलों ने पुकारा है
हमने हर बार खुद को सवारां है
जो सपना है अपना वो पूरा करेंगे
हमें इक दुसरे का सहारा है
यूँ हीं बस साथ हमको निभाना
अपनी मंजिल को है खुद ही पाना
जो हम सोच लेंगे तो करके रहेंगे
चाहे कुछ भी हो करके दिखाना
माने ना माने चाहे यकीं कोई
अपनी कोशिश में हो ना कमी कोई
जहाँ सब से ऊपर हमीं हम रहे
अब बनायेंगे ऐसी ज़मी कोई
हम से सीखेगा अब ये ज़माना
कैसे है रास्तो को बनाना
जो हम सोच लेंगे तो करके रहेंगे
चाहे कुछ भी हो करके दिखाना
आँखों में जीत का हो नज़ारा
पीछे रहना नहीं है गंवारा
जहाँ से चले हम वही से सफ़र है जहा रुक जाये वो है किनारा
हमें जब मुश्किलों ने पुकारा है
हमने हर बार खुद को सवारां है
जो सपना है अपना वो पूरा करेंगे
हमें इक दुसरे का सहारा है
यूँ हीं बस साथ हमको निभाना
यूँ ही है दूरियों को मिटाना
जो हम सोच लेंगे तो करके रहेंगे
चाहे कुछ भी हो करके दिखाना
Gulshan Mehra
जो हम सोच लेंगे तो करके रहेंगे
चाहे कुछ भी हो करके दिखाना
Gulshan Mehra
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